लेखनी प्रतियोगिता -22-May-2024
दैनिक प्रतियोगिता हेतु
विषय : स्वैच्छिक (कविता)
बचपन
बचपन के वो खेल खिलौने
बचपन के वो स्वप्न सलोने
कोई राजा कोई मंत्री
कोई लिखता डायरी पत्री
कोई गिल्ली डंडा खेले
कोई सितोलिया ही पेले
खो खो , हाकी,चोर सिपाही
धूल मिट्टी में सभी सने थे
कोई ना करता बातें शाही
साइकिल सीखना शान थी होती
60% पर तालियां बजती
अंटी,चिंए ,ताश के पत्ते
गर्मी की छुट्टी में हंसते
मिट्टी केघर,सिगड़ी,चूल्हे
छुट्टी में गोबर से लीपते
पूजा,आरती,घंटा,
परसाद
आते हैं परिवार वो याद
छत पर ठंडा पानी डालकर
सोना ,कविता और वो दाद
बीत गया वो खिलता बचपन
पिसते बच्चे बंद कमरों में आज l
बढ़ती चिंता, घटते घर
बिमारी लिए ना जाने कहां जा रहा समाज ll
अपर्णा गौरी शर्मा 🕉️
Varsha_Upadhyay
23-May-2024 07:35 AM
Nice
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hema mohril
23-May-2024 06:41 AM
V nice
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राजीव भारती
22-May-2024 10:38 PM
जी बहुत ही खूबसूरत रचना अप्रतिम।
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